अंसार क़म्बरी
जन्म : 03 नवम्बर 1950
 पिता : स्व. श्री ज़ब्बार हुसैन रिज़वी
 
 आपके पिता भी अपने समय के अच्छे शायरों में गिने जाते थे। शायरी की कला आपको विरासत में मिली। आपने स्नातक की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद हिन्दी, उर्दू, अवधी के साहित्य को स्वाध्याय से जाना। अंसार क़म्बरी पं0 कृष्णान्नद चौबे को अपना गुरु मानते हैं। आपकी ग़ज़लों, गीतों और दोहों में हिन्दी के पौराणिक प्रसंग और मिथक उर्दू की नज़ाकत लेकर शामिल होते हैं।
 
 अंसार क़म्बरी को देश भर के साहित्यिक मंचों पर बड़े सम्मान के साथ सुना जाता है। 
 
 आपकी कलम जात-पांत और मज़हब की सीमाओं से ऊपर उठकर इनसानी ज़िन्दगियों के दुख-दर्द के लिए व्यवस्था और शासन के ख़िलाफ लड़ती रही है। अंसार क़म्बरी अपने समय के एसे सूफी शायर हैं जो देश-दुनिया की सीमाओं को नहीं मानते।
 
 सम्मान : 
 उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा 1996 के सौहार्द पुरस्कार एवं समय-समय पर देश की अनेकान्क साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित।
 
 रचनायें : 
 अंतस का संगीत (दोहा व गीत संग्रह), 
 कह देना... (ग़ज़ल-गीत संग्रह)
 
 सम्पर्क : 
 ज़फ़र मंज़िल, 
 11/116, ग्वालटोली, कानपुर। 
 मो. +91 9450938629 
 ईमेल - ansarqumbari@gmail.com